खबर मायड़ भासा मांय : ओम नागर रै सिरजण सूं लेय’र साहित्य-संस्कृति री मेहताऊ बाताँ बताई डॉ.चारण अर राजपुरोहित
- थांनै ठा है काईं, भीष्म नै गांगैय अर पांडवां ने कौन्तेय क्यूं केवै?
- मालव स्मृति समारोह : डॉ.चारण, राजपुरोहित ओम नागर रै सिरजण सूं लेय’र साहित्य-संस्कृति री मेहताऊ बाताँ बताई
RNE Network Anta (Baran)
भीष्म पितामह नै गांगेय अर पांडवां नै कौन्तेय कह्यौ जावै क्यूंकै वांरी पहचाण वांरी मां सूं है । असल में ईश्वर अठै निरमाण री सगती फगत स्त्री नै सूंपी है पण स्त्री जद पुरुष रै चयन अधिकार नै चुनौती देवै तद ओ समाज उणनै लांछित करै, भूंडै अर फरोगड़ी बतावै ।
अै विचार प्रदेस रै बारां जिला अंतरगत थापित श्री केशव ज्ञान भारती सीनियर सेकेंडरी स्कूल अंता में आयोजित श्री गिरधारीलाल मालव स्मृति समारोह में ख्यातनाम कवि-आलोचक प्रोफेसर (डॉ.) अर्जुन देव चारण व्यक्त करिया । वै हाड़ौती खेतर रा जगचावा आधुनिक रचनाकार महाकवि सूर्यमल्ल मीसण,कवि रघुराजसिंह हाडा अर कवि गिरधारीलाल मालव रै साहित्यिक योगदान नै रेखांकित करता थकां कह्यौ कै वरतमान में कवि ओम नागर उण अंजसजोग काव्य परम्परा नै आगै बधाय आखा देस में आपरी ऊजळी ओळखांण बणाई है । वै भरोसो जतायौ कै डाॅ.ओम नागर साहित्य रै इण मारग माथै लगौलग आगै बध ‘र नूंवौ इतिहास रचैला। आपरै अध्यक्षीय उदबोधन में प्रोफेसर अर्जुनदेव चारण भारतीय काव्य परम्परा री आलोचनात्मक दीठ सूं कैई महताऊ बातां उजागर कीनी ।
समारोह मिजमान जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय रै राजस्थानी विभाग रा अध्यक्ष डॉ.गजेसिंह राजपुरोहित आपरै उदबोधन में कवि गिरधारीलाल मालव नै लोक चितेरौ कवि बतावता थकां वांरै काव्य साधना री महताऊ विरोळ कीनी। इण अंजसजोग समारोह में कवि ओम नागर री लोकारपित दो पोथ्यां फरोगड़ी अर भला मनख़्यां की भली बातां बाबत कह्यौ कैआधुनिक राजस्थानी लोकभासा में रचित अै पोथ्यां निस्चै ई अेक नवी दीठ रै परवांणै, मानवीय संवेदना अर आधुनिक जुगबोध सूं परिपूरण समकालीन राजस्थानी साहित्य रौ उजळौ उणियारौ अर सबळी साख है।
वरिष्ठ साहित्यकार मुकुट मणि राज कह्यौ कै आज रै दौर में असली सम्मान वौ है जिकौ अेक रचनाकार नै उणरै रचना करम रै आधार सूं मिळै। वै कवि ओम नागर नै पुरस्कार रा हकदार बतावता थकां कह्यौ कै आज रै समैं हाड़ौती खेतर रा प्रतिष्ठित रचनाकार डाॅ.ओम नागर रौ रचना करम घणौ ऊजळौ अर गुमेजजोग है।
इण अवसर माथै प्रतिष्ठित कवि डाॅ.ओम नागर नै मिजमानां रै हाथां सूं ‘ श्री गिरधारीलाल मालव स्मृति राजस्थानी साहित्य पुरस्कार’ अर ज्योतिर्विद पंडित कैलाश चंद्र शास्त्री नैअनंत-रत्न सम्मान समरपित कीनौ। इण अवसर माथै श्री ओम सोनी दोनूं पुरस्कृत रचनाकरां रौ परिचय प्रस्तुत करियौ। सम्मान पत्र रौ वाचन कवि विष्णु विश्वास अर श्री कुश पांचाल कीनौ।
राजस्थानी लेखक श्री योगेश यथार्थ पोथी परख करता थकां कह्यौ कै कवि ओम नागर नै स्त्री विमर्श नै अेक नूंवौ आयाम दियौ है । वै दोनूं ई पोथ्यां री उल्लेखजोग सरावणा करता थकां वै रचनाकार री भासा नै लोक रळियावणी अर पाठक रै हियै लागण वाळी बताई।
समारोह में प्रतिष्ठित गीतकार श्री दुर्गादानसिंह गौड़, श्री बाबूबंजारा नगर पालिका अध्यक्ष श्री रामेश्वर खंडेलवाल अर सहकारी समिति अध्यक्ष श्री नरेंद्र नंदवाना ई आपरा विचार प्रगट कीना । समारोह रै सरुआत में मिजमानां रै हाथां सूं मां सुरसत, कवि गिरधारी लाल मालव अर कवि दिनेश मालव रै चित्र माथै फूलां रौ चोसरौ चढाय ‘र घी रौ दीवौ जळायौ । समारोह रै प्रारंभ में समिति सचिव श्री चेतन मालव स्वागत उदबोधन दीनौ । संचालन कवि ओम मेरोठा कीनौ।
कवि गिरधारीलाल मालव स्मृति समारोह रै पच्छै सिंझ्यां युवाकवि दिनेश मालव री याद में काव्य संध्या रौ आयोजन हुयौ। इण काव्य संध्या मांय हाड़ौती खेतर रा कैई प्रतिष्ठित अर युवा कवि आपरी टाळवी रचनावां प्रस्तुत कीनी। इण अवसर माथै युवाकवि राजेंद्र पंवार नै श्री दिनेश मालव स्मृति युवा सम्मान कीनौ। काव्य संध्या रौ संचालन कवि पवन गौतम अर शायर रुस्तम अली खान करियौ।
इण अंजसजोग समारोह में वरिष्ठ साहित्यकार श्री अंबिका दत्त ,श्री किशन वर्मा , श्री सी. एल. सांखला, श्री जयसिंह आशावत, पंडित लोक नारायण शर्मा, प्रोफेसर बी.भारती, श्री प्रद्युम्न वर्मा, श्री राम नारायण हलधर, श्री रामकरण प्रभाती, श्री जगदीश भारती, श्री निशामुनि गौड, श्री देवकी दर्पण, श्री नंदू राजस्थानी, श्री दुष्यंत विजय, श्री सत्येंद्र वर्मा, श्री दुर्गाशंकर धांसू रै सागै ई हाड़ौती खेतर रा कैई साहित्यकार अर साहित्य प्रेमी मौजूद रैया। साहित्यिक दीठ सूं सफल अर सारथक आयोजन सारु अनंत साहित्य समिति रा सगळा पदाधिकारियां अर सदस्यां नै अंतसतणी बधाई । सनेही साथी श्री चेतन मालव नै घणौ रंग।